उत्तर प्रदेश के बिजनाैर जिले में स्थित मंडावर क्षेत्र के गांव शजादपुर गांव में एक और बड़ी वारदात हुई है। यहां मां और बेटी ने एक साथ आत्महत्या कर ली है। दोनों गुरुवार से लापता चल रहीं थीं।
मृतक मां बेटी का फाइल फोटाे व विलाप करती महिलाएं
बिजनाैर में शुक्रवार देर रात हुए हादसे में सात लोगों की माैत के दुख से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि मंडावर में मां बेटी के आत्महत्या की सूचना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मंडावर में बेटे के प्रेम विवाह से आहत मां बेटी ने जहरीला पदार्थ का सेवन कर आत्मा हत्या कर ली। मां-बेटी के शव उनके खेत में ही पड़े मिले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
व्हाट्सएप स्टेटस पर बेटे संग प्रेमिका को मंगलसूत्र पहने देख मां बेटी ने खोया आपा
मां बेटी के श बाएं – फोटो
व्हाट्सएप स्टेटस पर अपनी प्रेमिका को मंगलसूत्र पहनाया हुआ भी फोटो लगा रखा था। इस बात से गौरव की मां और उसकी बहन बेहद नाराज थी। गौरव की इस करतूत से परेशान होकर गुरुवार की सुबह गोरब की मां ऊषा देवी(50) पत्नी मुन्नू व बहन स्वाति(21) घर से लापता हो गई थीं। परिजनों व ग्रामीणों ने तलाश भी किया लेकिन दोनों का कहीं पता नहीं चल पाया था।
गुरुवार से लापता थीं दोनों, आज खेत में पड़े मिले शवशनिवार की सुबह दस बजे के करीब गांव की कुछ महिलाएं खेत से चारा लेने गई थी। तभी महिलाओं की नजर मुन्नू के खेत में ही मृत अवस्था में पड़ी ऊषा देवी व उसकी पुत्री स्वाति पर पड़ी। जिसकी सूचना महिलाओं ने उषा देवी के परिवार वालों सहित गांव में दी।
विलाप करती महिलाएं
जहरीले पदार्थ का सेवन कर माैत को लगाया गले सूचना मिलते ही मृतक के स्वजन व ग्रामीण घटना स्थल की और दाैड़ पड़े। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनो शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि मां, बेटी ने जहरीला पदार्थ का सेवन कर आत्मा हत्या कर ली है। दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोनों के लापता होने की कोई सूचना थाने में नही दी गई थी।
Note: Taazakhabar.live अपने सभी पाठकों के लिए इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण समाधान निम्नलिखित प्रकार से प्रदान करता हैं:
राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन नंबर:- +91 91529 87821 / 1-800-273-8255 / 1-866-488-7386 निःशुल्क, राष्ट्रीय, गोपनीय, प्रशिक्षित परामर्शदाताओं के साथ। साथ ही चैट का विकल्प भी उपलब्ध है।
1. संवाद और समझ: परिवार के सदस्यों के बीच खुली और ईमानदार बातचीत होनी चाहिए। युवाओं के विचारों और फैसलों को समझने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वे अपने मन की बातें खुलकर साझा कर सकें।
2. भावनात्मक समर्थन: परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे को भावनात्मक समर्थन देना चाहिए। तनावपूर्ण स्थितियों में एक-दूसरे को सहारा देने से मानसिक तनाव कम होता है और गलत कदम उठाने की संभावना घटती है।
3. सामाजिक और सामुदायिक सहायता: स्थानीय समुदाय और सामाजिक संगठनों को परिवारों की सहायता के लिए कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए, जहां वे संघर्ष प्रबंधन और भावनात्मक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर मदद पा सकें।
4. मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता: मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। परिवारों को प्रशिक्षित विशेषज्ञों से परामर्श लेना चाहिए और अवसाद या तनाव के लक्षणों की पहचान करके समय पर मदद लेनी चाहिए।
5. सामाजिक दबाव को कम करना: समाज में प्रेम विवाह और व्यक्तिगत फैसलों को लेकर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों को सामाजिक दबाव से बचने में मदद मिलेगी।
6. समझौता और सहानुभूति: परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करनी चाहिए और आपसी सहानुभूति के आधार पर समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।
7. शिक्षा और जागरूकता: बच्चों और युवाओं को शुरू से ही मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन, और भावनाओं को संभालने के सही तरीके सिखाने चाहिए।
8. पारिवारिक परामर्श: आवश्यकता पड़ने पर पारिवारिक परामर्श विशेषज्ञों की मदद लेना चाहिए जो समस्याओं को हल करने के लिए पेशेवर मार्गदर्शन दे सकें।
इन उपायों को अपनाकर परिवारों में बेहतर संवाद, समझ, और समर्थन का माहौल बनाया जा सकता है, जिससे ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।