उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के एक छोटे से गांव, धुमाई की रहने वाली यशोदा देवी, जिन्हें सोशल मीडिया पर “देहाती मैडम” के नाम से जाना जाता है, इन दिनों इंटरनेट पर सुर्खियां बटोर रही हैं। साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली यशोदा देवी ने 12वीं तक की पढ़ाई की है, लेकिन उनकी फर्राटेदार अंग्रेजी और आत्मविश्वास लोगों को हैरान कर रहा है।
ग्रामीण महिला का जज्बा और हुनर
आज के समय में अंग्रेजी को शिक्षा और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन यशोदा देवी ने यह धारणा तोड़ते हुए दिखाया है कि आत्मविश्वास और मेहनत से हर बाधा को पार किया जा सकता है। साधारण कपड़ों और जीवनशैली के बावजूद, यशोदा देवी ने अपने ज्ञान और प्रयास से सोशल मीडिया पर अलग पहचान बनाई है।
सोशल मीडिया पर बढ़ती लोकप्रियता
यशोदा देवी का यूट्यूब चैनल, “English With Dehati Madam,” तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इस चैनल के जरिए वे अंग्रेजी सिखाने का काम कर रही हैं। उनके वीडियो को लाखों व्यूज और लाइक्स मिल चुके हैं। उनकी सरल भाषा और पढ़ाने का अनोखा अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है।
ज्ञान का सही मूल्य
कई लोग यशोदा देवी को देखकर कहते हैं कि सिर्फ बाहरी रूप-रंग और डिग्री से किसी की काबिलियत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उनका आत्मविश्वास और अंग्रेजी पर पकड़ साबित करता है कि सच्ची योग्यता किसी सीमा की मोहताज नहीं होती।
देहाती मैडम का संदेश
यशोदा देवी का सफर यह बताता है कि शिक्षा और ज्ञान सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है। गांवों से आने वाली महिलाएं भी अगर ठान लें, तो किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं। उनका यह प्रयास न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि उन सभी के लिए एक सीख है, जो संसाधनों की कमी का बहाना बनाते हैं।
यशोदा देवी की यह कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और जज्बे से हर सपना सच किया जा सकता है।