उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित गंगोह तहसील के गांव सांगाठेडा से में आवारा कुत्तों के झुंड ने 4 बच्चियों पर हमला कर दिया। बच्चियां मदरसे से लौट रही थीं। कुत्तों ने घेरा तो वह भागने लगीं। मगर कुत्तों ने दौड़ाकर उन्हें नोचना शुरू कर दिया। कुत्ते 2 बच्चियों के चेहरे का मांस नोच कर खा गए। उनके सीने और हाथ-पैर में भी गंभीर घाव हैं।
मासूमों की चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग दौड़े। लाठी-डंडों से मारकर कुत्तों को भगाया। बच्चियों को तुरंत पास के सीएचसी लेकर गए। गंभीर हालत को देखते हुए बच्चियों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। मामला गंगोह के सांगाठेडा गांव का है।
पहले एक कुत्ता आया फिर पूरा झुंड आ गया गुरुवार सुबह सांगाठेडा गांव की जैनब (6), सुमैया (4), सादाना (5) और नबिया (6) मदरसे में पढ़ने गई थीं। वह पढ़कर लौट रही थीं। तभी 1 कुत्ता उनके सामने आ गया और भौंकने लगा। कुछ ही देर में और भी कुत्ते आ गए। उनसे बचने के लिए बच्चियां भागने लगीं, तो कुत्तों ने भी उन्हें दौड़ा लिया।
अब सहारनपुर में हुए कुत्तों के हमले पढ़िए… 8 दिसंबर, 2023 : गंगोह के मोहल्ला कुरैशियान के रहने वाले अब्दुर्रहमान के घर में आवारा कुत्तों ने एक बकरे एवं बकरी को अपना निशाना बनाते हुए नोच-नोचकर मौत के घाट उतार दिया था।
20 सितंबर, 2024 : रामपुर मनिहारान के गांव मजरा काजीपुरा के विनय के 4 साल के बेटे विशांत खेत में खेल रहे थे। कुत्तों के झुंड ने विशांत पर हमला कर दिया। बच्चे को कुत्तों का झुंड खींचकर खेत में ले गया था। कुत्तों के हमले से बच्चे का पेट फट गया। उसकी आंतें तक बाहर आ गई। लड़के ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
18 फरवरी, 2023 : गंगोह के गांव बिलासपुर में रहने वाले विकास गुर्जर का 7 वर्षीय बेटे कान्हा अपने घर के पीछे ही खेलते हुए अपने खेत में चला गया। जहां उसने देखा कि 7-8 कुत्तों का झुंड एक बच्चे पर हमला कर रहा है। बच्चे ने लाठी लेकर उस बछड़े को बचाने का प्रयास किया। कुत्तों का झुंड उस पर टूट पड़ा। उसकी गर्दन मुंह में दबाकर पास ही के गेहूं के खेत में ले गए। जहां उन्होंने मासूम बच्चे को नोच-नोच कर मार डाला।
स्लाइड में समझें, अगर कुत्ता काटे तो क्या करें
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पालतू पिटबुल: ट्रेनिंग से डॉग के आक्रामक व्यवहार को कैसे करें कंट्रोल; सुरक्षित और खतरनाक डॉग के बारे में पढ़ें
पिटबुल या किसी अन्य कुत्ते की आक्रामकता को नियंत्रित करने के लिए सही ट्रेनिंग और सामाजिककरण बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो पिटबुल ट्रेनिंग में मदद कर सकते हैं:1. आरंभिक सामाजिककरण: पिटबुल को पिल्ले के रूप में ही अन्य लोगों और जानवरों के साथ सकारात्मक अनुभव कराना चाहिए। यह उन्हें समाज के प्रति सहज बनाता है और आक्रामक व्यवहार कम करता है।2. सकारात्मक प्रशिक्षण विधियाँ: इनाम आधारित ट्रेनिंग का उपयोग करें, जैसे कि भोजन या प्रशंसा देकर अच्छे व्यवहार को बढ़ावा देना। इसे पॉजिटिव रिइन्फोर्समेंट कहते हैं।3. आदेश और नियंत्रण: ‘बैठो’, ‘रुको’, और ‘आओ’ जैसे बुनियादी आदेशों को सिखाना जरूरी है। इससे आपके पिटबुल का व्यवहार अधिक नियंत्रित रहेगा।4. नियमित व्यायाम: पिटबुल ऊर्जावान कुत्ते होते हैं। उनका पर्याप्त शारीरिक और मानसिक व्यायाम उन्हें शांत बनाए रखता है और तनाव को कम करता है।5. अच्छे ट्रेनर की सहायता: यदि कुत्ता बहुत आक्रामक हो रहा है, तो किसी प्रोफेशनल डॉग ट्रेनर या बिहेवियरिस्ट की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।6. समय और धैर्य: कुत्ते की ट्रेनिंग में धैर्य रखना बहुत जरूरी है। किसी भी बदलाव में समय लग सकता है, खासकर यदि आक्रामकता पहले से मौजूद हो।7. सुरक्षा के उपाय: प्रारंभिक चरण में, अगर कुत्ता अधिक आक्रामक है, तो सार्वजनिक स्थानों पर मुँह का पट्टा (मज़ल) लगाना सुनिश्चित करें।सही देखभाल और ध्यान के साथ, पिटबुल भी अच्छे पारिवारिक पालतू बन सकते हैं।