राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण अभियान के तहत प्रदेश सरकार ने 800 शिक्षण संस्थानों और 100 गांवों को तम्बाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। अभियान में केवल एक डेटा एंट्री ऑपरेटर तैनात है,
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण अभियान के तहत दो माह में प्रदेश सरकार ने 800 शिक्षण संस्थानों व 100 गांवों को तम्बाकूमुक्त बनाने का लक्ष्य दिया है। अभियान के तहत स्टाफ के नाम पर जिले में एकमात्र डेटा एंट्री ऑपरेटर ही तैनात है। क्रियान्वयन के लिए सीएमओ की ओर से बीएसए, डीआईओएस व डीपीआरओ आदि को लिखा गया था। ढर्रा देखते हुए विभागीय सूत्रों का कहना है कि अभियान में अगर एक भी शिक्षण संस्थान या गांव तम्बाकू मुक्त हो गया तो बड़ी उपलब्धि होगी।
दरअसल भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण अभियान के तहत तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 24 सितंबर से दो माह तक चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें केंद्र की ओर से प्रति जनपद 30 आईईसी कैम्पेन, 160 शिक्षण संस्थान तम्बाकू मुक्त एवं 20 गांवों को तम्बाकू मुक्त कराने व अन्य गतिविधियों के निर्देश दिए थे। साथ ही ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार यूपी में 23 प्रतिशत 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के तथा करीब 35.5 प्रतिशत वयस्कों के तम्बाकू की गिरफ्त में होने का हवाला दिया गया था। इस पर राज्यस्तर पर लक्ष्य को जनपदवार बढ़ाकर 150 आईईसी कैम्पेन, 800 शिक्षण संस्थान तथा 100 गांवों को तम्बाकू मुक्त कराने व अन्य गतिविधियों के लिए निर्देशित किया गया। इसके अनुपालन में सीएमओ डा. कौशलेंद्र सिंह की ओर से बीएसए, डीआईओएस व डीपीआरओ के साथ ही पीएचसी – सीएचसी के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारियों को 23 सितंबर को पत्र भेजा जा चुका है। विभागीय सूत्रों की माने तो यहां पर सीएमओ कार्यालय में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चार पदों के सापेक्ष सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर की ही तैनाती है। अन्य विभागों का भी अपेक्षित सहयोग न मिलने से अभियान धरातल पर कम कागजों पर अधिक नजर आ रहा है।