हरियाणा के झज्जर जिले के फरमाण गांव की रेणु सांगवान: मेहनत और लगन से बनीं डेयरी व्यवसाय की प्रेरणा रेणु सांगवान ने अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से पशुपालन और डेयरी उद्योग में एक नई मिसाल कायम की है। :
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर उन्हें राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनकी कड़ी मेहनत और सफलता का प्रमाण है।
पति का सपना बनाया जीवन का उद्देश्य
कठिनाइयों को हराकर सपनों को दिया आकार रेणु का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। उनके पति, कृष्ण पहलवान, पशुपालन के प्रति जुनूनी थे। लेकिन साल 2018 में उनके अचानक निधन से रेणु अकेली पड़ गईं। इस कठिन परिस्थिति में उन्होंने हार मानने के बजाय अपने पति के सपनों को पूरा करने का निश्चय किया। अपने बेटे को हिसार के पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय से VLDA डिप्लोमा करवाया और खुद भी पशुपालन के क्षेत्र में गहराई से काम करना शुरू किया।

रेणु ने शुरुआत में 9 देसी गायों के साथ डेयरी का काम शुरू किया। आज उनके पास 280 गायों का बड़ा व्यवसाय है, जो उनकी मेहनत और दूरदर्शिता को दर्शाता है।
280 गोवंश और 800 लीटर दूध का उत्पादन आज रेणु सांगवान के पास 280 से अधिक गोवंश हैं, जिनसे हर दिन लगभग 800 लीटर दूध का उत्पादन होता है। उनके बेटे, डॉक्टर विनय सांगवान, ने बताया कि यह दूध दिल्ली और गुरुग्राम में लगभग 120 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाता है। रेणु सांगवान गाय के दूध से बने घी को वैदिक बिलोना विधि से तैयार करती हैं, जिसकी मांग न केवल देश में बल्कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी, और इंग्लैंड सहित 12 देशों में है। उनका घी 3,500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकता है।

विभिन्न नस्लों की गायों का पालन 2016-17 में रेणु और उनके पति ने मिलकर 9 देसी नस्ल की गायों के साथ अपने पशुपालन सफर की शुरुआत की थी। आज उनके पास गिर, साहीवाल, थार पारकर, राठी और देसी नस्लों की सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली गायें हैं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें पशुपालन के क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाई है।
महिलाओं के लिए प्रेरणा रेणु सांगवान न केवल खुद सशक्त बनी हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं अगर हौसला रखें और अपने सपनों को ईमानदारी से पूरा करने की कोशिश करें, तो वे किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। उनके गोवंश ने प्रदेश स्तर की प्रदर्शनियों में कई पुरस्कार भी जीते हैं। रेणु ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा, मेहनत और सकारात्मक सोच से असंभव भी संभव हो सकता है।