बिहार के गया जिले के गुरारू के तिलोरी पंचायत के कोरमथु गांव में भूख और आर्थिक तंगी के कारण 40 वर्षीय राजेश विश्वकर्मा की मौत हो गई। परिवार में खाने को अन्न का एक दाना तक नहीं था। उनकी पत्नी बबीता देवी ने बताया कि दो दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था, बच्चे भूख से रो रहे थे। उनके पति पूरी रात बेचैन रहे और सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
मदद के लिए आगे आए प्रशासन और समाजसेवी
घटना के सामने आने के बाद जनसहयोग से पीड़ित परिवार की सहायता शुरू हुई। तिलोरी पंचायत के उपमुखिया सनी सिंह ने इस असहाय परिवार के लिए मदद अभियान की शुरुआत की। विधायक सहित कई समाजसेवी और प्रशासनिक अधिकारी आगे आए।
गुरारू के कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने परिवार की स्थिति देखकर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने जीवन में इतनी गरीबी और लाचारी नहीं देखी। कुंभ जाने का विचार त्यागकर वह राशि इस परिवार को देंगे।” उन्होंने तत्काल एक नया गैस सिलेंडर और चूल्हा प्रदान किया। थानाध्यक्ष चाहत कुमार ने भी आश्वासन दिया कि घर बनाने में उनकी ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। पत्रकार धर्मेंद्र मिश्र ने राशन सामग्री मुहैया कराई।

बेटे की परीक्षा और परिवार की मुश्किलें
राजेश के बड़े बेटे रवि की मैट्रिक की परीक्षा 17 फरवरी से होनी है, लेकिन परीक्षा से पहले उसे अपने पिता का अंतिम संस्कार करना पड़ा। गरीबी के कारण उसकी पढ़ाई ननिहाल में हो रही थी। बबीता देवी ने बताया कि उनके पास न जमीन है, न घर, न ही बैंक खाते में पैसे। उनके पति बाइक के शॉकर का काम करते थे, लेकिन वह काम भी छूट गया था।
जनसहयोग से बनेगा नया घर
गांव के उपमुखिया सनी कुमार ने कहा, “बबीता के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। जल्द ही उनके लिए एक नया घर बनाया जाएगा।” गुरारू BDO संभव कुमार सिंह ने बताया कि परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। राजेश की मौत के बाद उनका पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ, इसलिए मौत का कारण स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।

सरकारी योजनाओं से मिलेगा लाभ
प्रशासन ने पीड़ित परिवार के लिए तत्काल जॉब कार्ड बनवाया, प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ा और नल-जल योजना का कनेक्शन दिया। कृषि अधिकारी राकेश सिंह ने कहा कि महिला और बच्चों के उत्थान के लिए सरकारी योजनाओं और NGO से आर्थिक मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
गरीबी के खिलाफ उठे सवाल
राजेश की मौत ने सरकारी व्यवस्था और गरीबों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनके रहते किसी ने सहायता नहीं की, लेकिन उनकी मौत के बाद प्रशासन और समाजसेवी सक्रिय हो गए। यह घटना प्रशासन और समाज के लिए एक चेतावनी है कि गरीबों की समस्याओं को नजरअंदाज करना उन्हें मौत की ओर धकेल सकता है।
Note: Taazakhabar.live अपने सभी पाठकों से अपील करता है: की इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। यदि आपके आसपास कोई जरूरतमंद परिवार है तो उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दें और उनकी मदद के लिए आगे आएं।
आप क्या कर सकते हैं?
✅ गरीब परिवारों को राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा जॉब कार्ड जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायता करें।
✅ अपने इलाके में राशन बैंक या सामुदायिक भोजन केंद्र शुरू करने की पहल करें।
✅ जरूरतमंदों के लिए स्थानीय हेल्पलाइन और स्वयंसेवी संगठनों से संपर्क करें।
✅ प्रशासन की जवाबदेही तय करने के लिए ऐसे मामलों की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें।
✅ यदि आपके पास अतिरिक्त भोजन, कपड़े या अन्य जरूरी सामान है तो जरूरतमंदों को दान करें।
Taazakhabar.live आपसे अनुरोध करता है कि इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि कोई भी परिवार भूख से तड़पकर अपनी जान न गंवाए। हमें एकजुट होकर ऐसी घटनाओं को रोकना होगा!