मध्यप्रदेश के देवास जिले में 54 गांवों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंजूरी दे दी है। इनमें से अधिकतर गांव मुस्लिम बहुल हैं और इनके नाम लंबे समय से चर्चा में थे। अब इन गांवों के नाम बदलकर नए सांस्कृतिक और पारंपरिक नाम दिए जाएंगे।
कैसे आया यह फैसला?
यह घोषणा पीपलरावां में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने यह मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन और राजस्व विभाग को आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
कौन-कौन से गांवों के नाम बदलेंगे?
जिन गांवों के नाम बदले जाने हैं, उनमें मुरादपुर, शमशाबाद, हरजीपुर, मोहम्मदपुर, अलीपुर सहित कई अन्य मुस्लिम नाम वाले गांव शामिल हैं। अब इन्हें पारंपरिक और सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप नए नाम दिए जाएंगे, जैसे मोहम्मदपुर का नाम मोहनपुर और अलीपुर का नाम रामपुर रखा जा सकता है।
मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर मुस्लिम समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे प्रशासनिक निर्णय मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक पहचान से जोड़कर देख रहे हैं। स्थानीय मुस्लिम नेताओं का कहना है कि नाम बदलने से उनकी पहचान पर असर पड़ सकता है, जबकि सरकार इसे सांस्कृतिक धरोहर से जोड़कर देख रही है।
पहले भी बदले जा चुके हैं गांवों के नाम
इससे पहले उज्जैन और शाजापुर जिलों में भी मुस्लिम नाम वाले गांवों के नाम बदले जा चुके हैं। अब देवास जिले के ये 54 गांव भी इस सूची में शामिल हो जाएंगे।
सरकार का क्या कहना है?
राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला जनता की मांग पर लिया गया है और इसका उद्देश्य सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना है। प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होते ही इन गांवों के नए नाम आधिकारिक रूप से लागू कर दिए जाएंगे।इस फैसले को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब देखना यह होगा कि आगे इस मुद्दे पर सरकार और स्थानीय समुदायों की क्या प्रतिक्रिया रहती है।