लखनऊ, 24 अक्टूबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में सचिवालय भवन बन चुके हैं, और वहां इंटरनेट, वाई-फाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके माध्यम से ग्राम पंचायतें ऑनलाइन सेवाएं देकर अपनी आय भी बढ़ा सकती हैं।
गांवों को आत्मनिर्भर और स्मार्ट बनाने की दिशा में योगी सरकार की पहल मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश की ग्राम पंचायतों को स्मार्ट बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 17 शहर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे हैं, और इसी तरह गांवों को भी स्मार्ट बनाया जा सकता है। इसके लिए ग्राम पंचायतों में जनसहभागिता से सफाई, कूड़ा निस्तारण, स्ट्रीट लाइटिंग और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया जाना चाहिए।
पंचायतों की भूमिका और विकास का खाकामुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायतों के पास आत्मनिर्भर बनने की असीम संभावनाएं हैं। पंचायतों को विकास कार्यों में योगदान देने के लिए अपनी आय के साधनों का सृजन करना होगा। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ग्राम पंचायतें स्थानीय बाजारों का संचालन, ड्रेनेज और सीवेज का प्रबंधन, तालाबों के मत्स्य पालन आदि से अतिरिक्त आय कमा सकती हैं। इसके अलावा पंचायतों को स्मार्ट बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिससे गांवों में सफाई, कूड़ा निस्तारण, स्ट्रीट लाइटिंग, और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।
ग्राम पंचायत सचिवालय के माध्यम से नई संभावनाएंमुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायत सचिवालय के पास कई अवसर हैं, जिससे ग्राम पंचायत की आय बढ़ाई जा सकती है। इन सचिवालयों में कम्युनिटी सेंटर की स्थापना की जा सकती है, जहां सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें और इसके बदले पंचायतों को यूजर चार्ज मिल सके। इसके अलावा राशन की दुकानों को मॉडल दुकानों के रूप में विकसित किया जा सकता है, जहां अन्य उत्पाद भी बेचे जा सकते हैं।
महिलाओं और जनजातीय समुदाय का बढ़ता सशक्तिकरणकार्यक्रम में कई महिलाओं और लखीमपुर खीरी के थारू जनजातीय समुदाय के युवाओं को भी नियुक्ति पत्र दिए गए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और जनजातीय समुदाय का चयन यह दर्शाता है कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज के कमजोर तबकों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गरीब की दुआ और कड़ी मेहनत का महत्व
मुख्यमंत्री ने नवचयनित युवाओं को जीवन में सदैव ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि गरीब की दुआ लोगों को यशस्वी बनाती है, जबकि बदनामी जीवन को नारकीय बना देती है। उन्होंने ग्राम पंचायतों के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें।