उत्तर प्रदेश राज्य के कन्नौज जिले में स्थित विकास खंड तालग्राम के बिरौली गांव में पिछले दस दिनों से 100 से अधिक ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण लोग झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज करा रहे हैं। गांव में मच्छरों की समस्या और गंदगी के कारण लोग झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज कराने को मजबूर हैं। निजी पैथोलॉजी में डेंगू-मलेरिया की पुष्टि हो रही है।
गांव के लाल बिहारी ने बताया केवल एक गली में ही 40 लोग बीमार हैं। इसके अलावा गांव में हर घर मरीज दिखाई पड़ रहे हैं। लोग प्राइवेट चिकित्सकों से इलाज कराने को मजबूर हैं। कुछ लोग तालग्राम, सराय प्रयाग और गुरसहायगंज में भी अपना इलाज कराने गए हैं। गांव में मच्छरों का प्रकोप है और गंदगी होने के कारण भी बुखार के मरीज दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। गांव में पिछले कई वर्षों से एंटी लार्वा का छिड़काव भी नहीं हुआ है।
गांव में उपेंद्र सिंह, अमित, मंगूलाल, रामवती, सुभाष चंद्र, अमर सिंह, नरेंद्र, निशा, फूलमती, दीपक, राजेंद्र प्रसाद रामनरेश, मांगवती, अनमोल, बिजलेस, श्वेता, हिमांशु, रिंकू, शिवम, साधना, हरनाथ सिंह सहित सौ से अधिक ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं।
कोटगांव में बुखार के मरीजों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। सोमवार को स्वास्थ्य टीम गांव में शिविर लगाकर मरीजों का परीक्षण करेगी। इसके बाद इलाज मुहैया कराएगी। डॉ. कुमारिल मैत्रेय सीएचसी प्रभारी
बिरौली गांव में मच्छरों की समस्या और गंदगी के कारण बुखार जैसी बीमारियों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1. साफ-सफाई का ध्यान रखें: गांव के हर घर और उसके आसपास सफाई का ध्यान रखें। जलभराव वाले स्थानों को खाली करें ताकि मच्छर वहां अंडे न दे सकें।
2. खड़े पानी की निकासी: गांव में जहां-जहां पानी इकट्ठा होता है, वहां ड्रेनेज सिस्टम को सुधारें। रुके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं, इसलिए पानी की निकासी बहुत महत्वपूर्ण है।
3. मच्छरदानी और स्प्रे का इस्तेमाल: सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, मच्छरों को भगाने के लिए बाजार में उपलब्ध मच्छर भगाने वाले स्प्रे और क्रीम का उपयोग करें।
4. सिट्रोनेला और नीम के तेल का छिड़काव: प्राकृतिक निवारक जैसे सिट्रोनेला और नीम का तेल मच्छरों को भगाने में सहायक होते हैं। इनका छिड़काव घर के अंदर और आसपास करें।
5. लार्वीसाइड का उपयोग: मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए सरकारी संस्थाओं या स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किए जाने वाले लार्वीसाइड्स का छिड़काव किया जा सकता है।
6. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें: विशेष रूप से शाम के समय जब मच्छरों का प्रकोप अधिक होता है, ऐसे समय में शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
7. मच्छरदानी का प्रयोग: बच्चों और बुजुर्गों की विशेष सुरक्षा के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
8. स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें: गांव के स्वास्थ्य अधिकारी या पंचायत से संपर्क करें और गांव में मच्छर रोधी अभियान चलाने का अनुरोध करें।
9. स्वास्थ्य जागरूकता अभियान: लोगों को साफ-सफाई और मच्छरों से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक करना महत्वपूर्ण है।इन उपायों को अपनाकर बिरौली गांव में मच्छरों के प्रकोप को काफी हद तक कम किया जा सकता है और लोग बीमारियों से बच सकते हैं।