झारखंड के जमशेदपुर जिले के सुंदरनगर में स्थित जॉड्रागोड़ा गांव ने स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। इस गांव में 200 घरों के लोग सामूहिक रूप से स्वेच्छा से सफाई अभियान चलाते हैं, जिससे यह क्षेत्र का सबसे स्वच्छ और सुंदर गांव बन गया है।
सफाई के लिए गांववासियों ने एक विशेष ग्राम फंड की स्थापना की है, जिसमें गांव के बाहर काम कर रहे लोग भी अपना योगदान देते हैं। इस फंड का इस्तेमाल सफाई और अन्य विकास कार्यों के लिए किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आर्थिक बाधाएं सफाई कार्यों को न रोकें।
गांव की स्वच्छता अभियान की निगरानी ग्राम प्रधान चंपाई मुर्मू करती हैं। यदि गांव में कहीं भी गंदगी दिखती है, तो तुरंत इसे हटाने की व्यवस्था की जाती है। 1996 में शुरू हुई इस परंपरा के तहत गांव के सभी आठ टोले स्वच्छता और व्यवस्था में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। ग्राम फंड में वर्तमान में लगभग पांच लाख रुपये जमा हैं, जिनका उपयोग सफाई के साथ-साथ गांव के विकास कार्यों में भी किया जाता है।
सख्त नियमों का पालन गांव में नशे में वाहन चलाने पर पूर्णतः रोक है। नशे की हालत में पकड़े गए व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाती। यह नियम ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए लागू किया गया है। साथ ही, हर महीने ग्राम सभा आयोजित की जाती है, जहां ग्रामीण अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हैं। पानी के चापानल हो या बिजली की समस्या, ग्राम फंड से तुरंत इन्हें सुलझाया जाता है।
सामाजिक और आर्थिक सहायता गांव में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को शादी-ब्याह और अन्य आवश्यक आयोजनों के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में सहायता भी ग्राम फंड के जरिए मिलती है। गांव के शिक्षित युवा, जो बाहर नौकरी कर रहे हैं, नियमित रूप से फंड में योगदान देते हैं। इस गांव के अधिकांश लोग सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं, जिससे इसे शिक्षित और आत्मनिर्भर गांव के रूप में देखा जाता है।इस सामूहिक प्रयास ने जॉड्रागोड़ा गांव को न केवल स्वच्छता का प्रतीक बनाया है, बल्कि इसे एक सफल और संगठित समुदाय के रूप में भी स्थापित किया है।
नोट: Taazakhabar.live अपनी ओर से सभी ग्रामीण पाठकों से अपील करता है कि वे अपने गांव को स्वच्छ, विकसित और संगठित बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं। आप भी इन उपायों को अपनाकर अपने गांव को बेहतर बना सकते हैं:
1. सफाई को प्राथमिकता दें नियमित रूप से सफाई अभियान चलाएं।सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ेदान लगाएं और गंदगी फैलाने पर जुर्माना तय करें।जैविक और गैर-जैविक कचरे को अलग-अलग संग्रह करें और खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू करें।
2. ग्राम फंड की व्यवस्था मजबूत करें सभी घरों से मासिक या वार्षिक योगदान सुनिश्चित करें।बाहर काम कर रहे ग्रामीणों से फंड में सहयोग की अपील करें।फंड का उपयोग पारदर्शिता के साथ सफाई, विकास और जरूरतमंदों की सहायता में करें।
3. स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दें नियमित स्वच्छता और स्वास्थ्य शिविर आयोजित करें।बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करें और जरूरतमंद परिवारों को मदद दें।डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास केंद्र शुरू करें।
4. सामाजिक नियमों को सख्ती से लागू करें नशे में वाहन चलाने और सार्वजनिक स्थानों पर झगड़े पर रोक लगाएं।ग्रामीणों के बीच अनुशासन और आपसी सहयोग को बढ़ावा दें।
5. पानी और बिजली की समस्या का समाधान करें वर्षा जल संग्रहण और भूजल पुनर्भरण की योजनाएं बनाएं।खराब चापानल या बिजली व्यवस्था को तुरंत ठीक कराने के लिए फंड का उपयोग करें।
6. पारंपरिक और पर्यावरणीय गतिविधियों को बढ़ावा दें वृक्षारोपण अभियान चलाएं और गांव को हरियाली से भरें।पारंपरिक त्योहारों और आयोजनों के जरिए एकता और संस्कृति को बढ़ावा दें।
7. हर महीने ग्राम सभा आयोजित करें सभी ग्रामीणों को समस्याओं पर चर्चा के लिए शामिल करें।सुझावों को अमल में लाने के लिए कार्ययोजना बनाएं।
8. आर्थिक विकास के उपाय स्वरोजगार और स्थानीय उद्योग को बढ़ावा दें।कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करें।गांव में सहकारी समितियां बनाकर छोटे व्यवसायों को समर्थन दें।
इन कदमों को अपनाकर आप भी जॉड्रागोड़ा गांव ने जैसे अपनी मिसाल कायम की है, वैसे ही तुम भी अपने गांव को सोने की तरह चमका कर अपने गांव को न केवल स्वच्छ और संगठित बना सकते हैं, बल्कि इसे विकास और अनुशासन का उदाहरण भी बना सकते हैं।