केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025 पेश करते हुए ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार का फोकस ग्रामीण युवाओं, छोटे किसानों और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विस्तार पर है। इस दिशा में केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
ग्रामीण विकास के लिए मुख्य घोषणाएं:
1. ग्रामीण डाकघरों को मिलेगा नया रूप: सरकार भारतीय डाक विभाग के 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों को एक सशक्त लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और गांवों में संस्थागत बैंकिंग सेवाएं भी बढ़ेंगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को ऋण सुविधा के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
2. छोटे उद्यमों के लिए आर्थिक सहारा: सरकार छोटे ग्रामीण उद्यमों को क्रेडिट सुविधाएं और बीमा कवरेज मुहैया कराएगी। इसके साथ ही डिजिटल सेवाओं का विस्तार कर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा: देश के सभी सरकारी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी ताकि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
4. ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की पहल: ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ का एक नया ढांचा विकसित कर रही है। इससे स्वयं सहायता समूहों और आम ग्रामीण नागरिकों को ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी।
5. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (चरण-4): ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण की शुरुआत की जाएगी। इस चरण के तहत 25,000 से अधिक ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में सड़क संपर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में स्पष्ट किया कि यह बजट गांव, गरीब और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्यों के साथ मिलकर कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाया जाए।