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सहारनपुरः केरल में समसपुर गांव के युवक मुकीम की बेरहमी से हत्या, गांव में छाया मातम

नकुड़ (सहारनपुर): थाना क्षेत्र नकुड़ के ग्राम समसपुर के रहने वाले26 वर्षीय मुकीम की केरल के वायनाड जिले में निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारों ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए शव को दो टुकड़ों में काट दिया। यह दिल दहला देने वाली घटना जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

साथी निकला कातिल, पुलिस ने किया गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार, मुकीम ग्राम समसपुर निवासी खुर्शीद का बेटा था और केरल के वायनाड जिले के मांतवाडी कस्बे में पेंटर का काम करता था। पुलिस को उस वक्त घटना का सुराग लगा जब एक टेंपो चालक ने संदिग्ध गतिविधि देखकर पुलिस को सूचना दी। टेंपो में एक बोरे को ले जाते समय चालक को शक हुआ, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बोरे की जांच की। जांच के दौरान शव के दो टुकड़े बरामद हुए और वहीं हत्यारे को रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

पकड़े गए आरोपी की पहचान आरिफ के रूप में हुई है, जो सहारनपुर के ही रसूलपुर गांव, थाना देहात कोतवाली का निवासी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया और परिजनों को घटना की सूचना दी। तीन दिन बाद परिजन शव को हवाई जहाज के जरिए गांव लेकर आए, जहां शव पहुंचते ही कोहराम मच गया।

लेन-देन का विवाद बना हत्याकांड की वजह

प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि हत्या के पीछे आपसी लेन-देन का विवाद हो सकता है। पुलिस इस एंगल से भी गहनता से जांच कर रही है। हालांकि, घटना के असली कारणों का खुलासा विस्तृत जांच के बाद ही हो सकेगा।

गांव में मातम, इंसाफ की मांग तेज

मुकीम के शव के गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। हर आंख नम थी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। इस दर्दनाक घटना की निंदा करते हुए हिंदू-मुस्लिम सभी समुदाय के लोग एकजुट नजर आए और हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।

गांव के प्रमुख लोग जैसे शिव कुमार चौधरी, सुखबीर, अनिल, योगेश कुमार, बिट्टू, सागर और हाजी आदि ने घटना की कड़ी निंदा की और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।

पुलिस की सख्ती जारी

वहीं पुलिस प्रशासन इस हत्याकांड को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू पर जांच कर रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोषी को सख्त सजा दिलाई जाएगी और परिवार को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी पीड़ा और सोचने का विषय है कि आखिर ऐसी घटनाएं कब रुकेंगी और इंसानियत कब सुरक्षित होगी।

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