मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के एक लिधोराताल गांव से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता के निधन के बाद उनके दो बेटों के बीच अंतिम संस्कार को लेकर गंभीर विवाद हो गया। मामला लिधोराताल गांव का है, जहां 84 वर्षीय ध्यानी सिंह घोष का 2 फरवरी को निधन हो गया।
ध्यान सिंह अपने छोcटे बेटे देशराज सिंह के साथ रहते थे। उनके निधन के बाद बड़ा बेटा किशन सिंह भी वहां पहुंचा और पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी खुद लेने की जिद करने लगा। छोटे बेटे देशराज का दावा था कि उनके पिता की अंतिम इच्छा थी कि वह ही उनका अंतिम संस्कार करें। इसी बात को लेकर दोनों भाइयों के बीच बहस तेज हो गई।

अजीबोगरीब मांग ने सबको किया हैरान बात तब और बिगड़ गई जब नशे में धुत बड़े बेटे किशन सिंह ने दावा किया कि यदि अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उसे नहीं दी जाती, तो शव को आधा-आधा काटकर दोनों भाइयों को दे दिया जाए ताकि वे अलग-अलग अंतिम संस्कार कर सकें। इस हैरान करने वाली मांग से परिवार और रिश्तेदार स्तब्ध रह गए।
परिवार के समझाने-बुझाने के बाद भी जब किशन सिंह अपनी जिद पर अड़ा रहा, तो शव करीब पांच घंटे तक घर के बाहर रखा रहा। स्थिति बिगड़ने पर परिवार वालों ने पुलिस को बुलाया।

पुलिस के हस्तक्षेप से सुलझा मामला जतारा थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों भाइयों को समझाकर विवाद को सुलझाया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार पिता का अंतिम संस्कार परंपरागत रूप से कराया गया।
यह घटना दर्शाती है कि पारिवारिक विवाद किस हद तक बढ़ सकते हैं, यहां तक कि एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार जैसे संवेदनशील मौके पर भी मतभेद सामने आ सकते हैं।
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